
शकुन्तला
एक बार हस्तिनापुर नरेश दुष्यन्त आखेट खेलने वन में गये। जिस वन में वे शिकार के लिये गये

एक बार हस्तिनापुर नरेश दुष्यन्त आखेट खेलने वन में गये। जिस वन में वे शिकार के लिये गये
एक बार एक किशोर ग्वाला अपनी गायों को चराने के लिए नदी के किनारे-किनारे उस जंगल में ले गया जहाँ

एक दिन, एक कंपनी में साक्षात्कार के दौरान, बॉस, जिसका नाम अनिल था, ने सामने बैठी महिला, सीमा से पूछा,

दो बाप बेटे घर में रहते हैं बेटा आस्तिक था और बाप नास्तिक अक्सर दोनों में वाद विवाद होते रहता

शब्द ही किसी मनुष्य के संस्कारों के मुल्यांकन का सबसे प्रभावी और सटीक आधार होते हैं। मनुष्य के केवल शब्द

जिस प्रकार कोई खाली दीप में तेल डाल दे,ज्योति रख देऔर उसे जला दें, तो दीपक की ज्योति से चारो

पूर्वकाल की बात है, गौतमी के उत्तर- तट पर आत्रेय नाम के ऋषि निवास करते थे।.उन्होंने अनेक ऋत्विज मुनियों के

“संसार में कुछ चीज़ें धन से खरीदी जा सकती हैं, जैसे रोटी कपड़ा मकान मोटर गाड़ी सोना चांदी इत्यादि।”“परंतु कुछ

दुर्गादास था तो धनी किसान; किन्तु बहुत आलसी था| वह न अपने खेत देखने जाता था, न खलिहान| अपनी गाय-भैंसों

बुरी परिस्थितिया हमें इतनी विचलित कर देती हैं कि हम उस परमात्मा के अस्तित्व पर भी प्रश्न उठाने लगते हैं