एक तत्त्वनिष्ठ ज्ञान दान
“अजी सुनते हो? राहूल को कम्पनी में जाकर टिफ़िन दे आओगे क्या?” “क्यों आज राहूल टिफ़िन लेकर नहीं गया।?” शरद
“अजी सुनते हो? राहूल को कम्पनी में जाकर टिफ़िन दे आओगे क्या?” “क्यों आज राहूल टिफ़िन लेकर नहीं गया।?” शरद
अंध भक्तो कभी इन महापुरुषों को भी पड़ लिया करेंएक बार भगत सिंह रेलगाड़ी से कहीं जा रहे हैं थे।एक
जानिए जब कोई आपके पैर छुए तो आपको क्या-क्या करना चाहिए।किसी के पैर छूने का मतलब है उसके प्रति समर्पण
🙏 पुण्यों का मोल 🙏.एक व्यापारी जितना अमीर था उतना ही दान-पुण्य करने वाला, वह सदैव यज्ञ-पूजा आदि कराता रहता
गुरुजी ने कहा कि मां के पल्लू पर निबन्ध लिखो.. तो लिखने वाले छात्र ने क्या खूब लिखा…..“पूरा पढ़ियेगा आपके
एक बूढ़ा किसान अपने छोटे पोते के साथ पहाड़ों के बीच एक खेत में रहता था। हर सुबह उसके दादाजी
चाय बेचते थे मशहूर कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा:पिता लगाते थे चने का ठेला, भरपेट खाना भी नहीं मिलता था
राजेश एक सरकारी अफसर हैं। बहुत बड़ा सरकारी बंगला मिला हुआ हैं। नौकर चाकर आदि सब चीज की सुविधा हैं।
तस्वीर दिल्ली के एक साधारण टैक्सी चालक देवेन्द्र की है.देवेन्द्र मूलतः बिहार के रहने वाले हैं। एक दिन देबेन्द्र की
महाराज दशरथ को जब संतान प्राप्ति नहीं हो रही थी तब वो बड़े दुःखी रहते थे पर ऐसे समय में