दीपक जलाकर देखो तो
युद्धके समय अपरिचित देशोंमें मैं एक अनाथ शिशुकी तरह अकेले रह रहा था। फिर भी मैं सदा सुखी और स्वस्थ
युद्धके समय अपरिचित देशोंमें मैं एक अनाथ शिशुकी तरह अकेले रह रहा था। फिर भी मैं सदा सुखी और स्वस्थ
5- साधनकी सटीकताका महत्त्व गुरुके द्वारा निर्दिष्ट साधन ही परिपक्व और फलप्रद हो सकता है। पाँच-छः मनुष्य हैं। उन सबको
पूर्वजोंकी दुहाई देनेसे क्या लाभ ? एक बार एक व्यक्ति नौकरीकी तलाशमें किसी सरकारी दफ्तरमें पहुँचा। पूछनेपर उसने कहा कि
काशीपुरीकी उत्तर दिशामें उत्तर अर्ककुण्ड है, जहाँ भगवान् सूर्य उत्तरार्ध नामसे निवास करते हैं। वहीं एक प्रियव्रत नामसे ब्राह्मण रहते
लगभग तीस वर्ष पहलेकी बात है। एक गाँव में एक बूढ़ा रहता था। उसकी पत्नी भी बूढ़ी हो गयी थी।
मांसभक्षणसे प्रेतयोनि महात्मा श्रीसन्तदास बाबाजीने कहा था कि कई वर्षों पहलेकी बात है, कलकत्ता हाईकोर्टके एक सुप्रसिद्ध न्यायाधीश परलोकवासी हो
पाँचों पाण्डवोंने भगवान् व्यासकी अनुमतिसे यह नियम कर लिया था कि एक नियमित समयतक द्रौपदीके साथ एक भाई एकान्तमें रहेगा।
श्रीविश्वनाथपुरी वाराणसीमें एक साधु गङ्गास्नान कर रहे थे। सहसा उनकी दृष्टि प्रवाहमें बहते एक बिच्छूपर पड़ी। साधुने दया करके उसे
काशीके कुछ पण्डित आचार्य शंकरसे द्रोह मानते थे। एक दिन काशीके कुछ पण्डितोंने आचार्य शंकरके ऊपर एक कटहे कुत्तेको काटनेके
एक राजा घोड़ेपर चढ़ा वनमें अकेले जा रहा था! जब वह डाकू भीलोंकी झोंपड़ीके पाससे निकला, तब एक भीलके द्वारपर