
सद्भावना- रक्षा
अद्भुत डाकू था वह फकीरोंके वेशमें रहता, हाथमें उसके तसबीह रहती। वह डाका डालता, पर अधिकांश धन गरीबोंमें बाँट देता।
अद्भुत डाकू था वह फकीरोंके वेशमें रहता, हाथमें उसके तसबीह रहती। वह डाका डालता, पर अधिकांश धन गरीबोंमें बाँट देता।
अठारहवीं शताब्दीके इटली देशके प्रसिद्ध संत अलफान्सस लिग्योरी अपने पूर्वाश्रममें वकीलका काम करते थे। एक समयकी बात है। वे न्यायालयमें
एक बार भगवान् श्रीराम जब सपरिकर सभामें विराज रहे थे, विभीषण बड़ी विकलतापूर्वक अपनी स्त्री तथा चार मन्त्रियोंके साथ दौड़े
एकताका सूत्र है- सहनशीलता जापानके राजा यामोता धर्मात्मा तथा उदार हृदयके शासक थे। वे प्रजाजनोंके सुख-दुःखमें हमेशा सहभागी बननेका प्रयास
एक बार कैलासाश्रम ऋषिकेशसे ब्रह्मलीन महात्मा स्वामीजी श्रीप्रकाशानन्दपुरीजी होशियारपुर से हरद्वार पधार रहे थे। रेलके अम्बाला छावनी स्टेशनपर खड़ी होते
रामतारण चक्रवर्ती नामके एक सज्जन कलकत्ते में किसी व्यापारी फर्ममें काम करते थे। उनके घरमें स्त्री और दस-बारह वर्षकी एक
(2) लाल पत्थर एक किसानको अपने खेतमें रंगीन पत्थरोंका एक र मिल गया। वे गोल-गोल पत्थर थे, सो उसने बटोर
विश्वास कीजिये – बिलकुल सत्य बात है – यह एक मकानका नाम है, जो उत्तर प्रदेशके एक विख्यात शहरमें ही
एक किसानके बगीचेमें अंगूरका पेड़ था। उसमें प्रत्येक वर्ष बड़े मीठे-मीठे अंगूर फलते थे। किसान बड़ा परिश्रमी, संतोषी और सत्यवादी
डायमण्ड, तुमने कितना नुकसान कर दिया! सर आइजक न्यूटन प्रसिद्ध वैज्ञानिक था। उसने एक कुत्ता पाल रखा था – ‘डायमण्ड’!