अमरफल
पिताने अपने नन्हे से पुत्रको कुछ पैसे देकर बाजार भेजा फल लानेके लिये। बच्चेने रास्तेमें देखा, कुछ लोग, जिनके बदनपर
पिताने अपने नन्हे से पुत्रको कुछ पैसे देकर बाजार भेजा फल लानेके लिये। बच्चेने रास्तेमें देखा, कुछ लोग, जिनके बदनपर
यूरोपके इतिहासमें मार्टिन लूथरका नाम स्वर्णाक्षरोंमें अङ्कित है। वे अपने समयके बहुत बड़े आध्यात्मिक नेता थे; उन्होंने मध्यकालीन यूरोपमें धार्मिक
कोई धनवान् पुरुष अपने मित्रके साथ कहीं जा रहे थे। मार्गमें एक विपत्तिमें पड़े कंगालको देखकर मित्रका हाथ दबाकर वे
कलकत्तेमें श्रीलक्ष्मीनारायणजी मुरोदिया नामक एक संतस्वभावके व्यापारी थे। एक बार किन्हीं दो भाइयोंमें सम्पत्तिको लेकर आपसमें झगड़ा हो गया और
एक रातकी बात है। एक चोर किसी घरमें सेंध लगा रहा था। घरके मालिकने एक कुत्ता पाल रखा था। चोरको
शचीपति देवराज इन्द्र कोई साधारण व्यक्ति नहीं, एक मन्वन्तरपर्यन्त रहनेवाले स्वर्गके अधिपति हैं। घड़ी-घण्टोंके लिये जो किसी देशका प्रधान मन्त्री
‘जाकी रही भावना जैसी’ एकबार संगीताचार्य तानसेनने एक भजन यशोदा प्रतिदिन कहती हैं।’ गाया- जसुदा बार बार यों भाखै। है