*उपद्रवी कन्हैया* एक सहज लीला *
अच्छा उपद्रव किया आज तो इस नन्द के लाल नें ….उद्धव हँस रहे हैं । ऐसा क्या हुआ ? क्या
अच्छा उपद्रव किया आज तो इस नन्द के लाल नें ….उद्धव हँस रहे हैं । ऐसा क्या हुआ ? क्या
पदम पुराण के अनुसार जो घर राधा रानी के चरण-चिन्हों से विभूषित होगा वहां भगवान नारायण (भगवान श्री कृष्ण) संपूर्ण
अभी-अभी मईया लाला को स्नान करवा के लाई है और लाला को पलंग पर बिठाकर उसके वस्त्र उठाने गई हैं।बस
🌷”वृंदावन” में एक भक्त रहते थे जो स्वभाव से बहुत ही भोले थे। उनमे छल, कपट, चालाकी बिलकुल नहीं थी।
….सुबह-सुबह मन की भावनाओं में कृष्णा को लाकर ख्यालों में गोता लगाएं… हजारों गायों एवं ग्वाल बालों के बीच में
राधे राधे ब्रजराज गौशाला में बछड़ों भी सँभाल करने गये हैं और ब्रजरानी अपने प्राणधन ललन के लिये भोजन बनाने
“सँवारते हुये, प्रेम से प्रियतम की बिखरी हुयी घनी काली घुँघराली कजरारी अलकें ! अपने आँचल से थीं पोछीं कृष्ण
!! †* बधाई हो ! बधाई हो ! नाचती गाती गोपियाँ लौट रही थीं नन्दालय से । पूतना देख रही
. श्रीजयदेव जी भगवान श्रीकृष्ण के प्रेमी भक्त थे। आपके हृदय में श्रीकृष्ण प्रेम हिलौरे लेता रहता था। उसी
.बात है प्रभु श्री कृष्ण के बाल्यकाल की। कन्हैया को माखन चोरी का बहुत शौक था।.सब गोप ग्वालो के साथ