शुद्ध हृदय…….
🌷”वृंदावन” में एक भक्त रहते थे जो स्वभाव से बहुत ही भोले थे। उनमे छल, कपट, चालाकी बिलकुल नहीं थी।
🌷”वृंदावन” में एक भक्त रहते थे जो स्वभाव से बहुत ही भोले थे। उनमे छल, कपट, चालाकी बिलकुल नहीं थी।
….सुबह-सुबह मन की भावनाओं में कृष्णा को लाकर ख्यालों में गोता लगाएं… हजारों गायों एवं ग्वाल बालों के बीच में
राधे राधे ब्रजराज गौशाला में बछड़ों भी सँभाल करने गये हैं और ब्रजरानी अपने प्राणधन ललन के लिये भोजन बनाने
“सँवारते हुये, प्रेम से प्रियतम की बिखरी हुयी घनी काली घुँघराली कजरारी अलकें ! अपने आँचल से थीं पोछीं कृष्ण
!! †* बधाई हो ! बधाई हो ! नाचती गाती गोपियाँ लौट रही थीं नन्दालय से । पूतना देख रही
. श्रीजयदेव जी भगवान श्रीकृष्ण के प्रेमी भक्त थे। आपके हृदय में श्रीकृष्ण प्रेम हिलौरे लेता रहता था। उसी
.बात है प्रभु श्री कृष्ण के बाल्यकाल की। कन्हैया को माखन चोरी का बहुत शौक था।.सब गोप ग्वालो के साथ
बिहारी जी की सेवा प्रणाली में अन्य मन्दिरों की पूजा सेवा से कुछ विशेषताएं हैं। बिहारी जी के साथ राधिका
. हर छोटा अपने बड़े (उच्चाधिकारी) की सेवा, आराधना, भक्ति करता है तथा बड़ा उच्चाधिकारी) भी अपने से छोटे
एक जंगल में एक संत अपनी कुटिया में रहते थे। एक किरात (शिकारी), जब भी वहाँ से निकलता संत को