जय माँ जगदम्बिके
ममतामयी माता के अनन्त रूप हैं और वही माता संसार में सर्वाधिक पूज्य हैं। “ब्रह्मवैवर्तपुराण” के गणेश खंड में कहा
ममतामयी माता के अनन्त रूप हैं और वही माता संसार में सर्वाधिक पूज्य हैं। “ब्रह्मवैवर्तपुराण” के गणेश खंड में कहा
॥ ॐ श्रीमहादेव्यै नमः ॥ सुप्रभात प्रातः स्मरामि शरदिन्दुकरोज्ज्वलाभां सद्रत्नवन्मकरकुण्डलहार-भूषाम् दिव्यायुधैर्जितसुनील-सहस्रहस्तां रक्तोत्पलाभचरणां भवतीं परेशाम् भावार्थः शरद् कालीन चन्द्रमा के समान
नवरात्रमें भगवती की कृपा प्राप्त करने के शास्त्रोंमें अनेक विधान है । अपने अपने कुल की ओर गुरु परंपराओं के
सभी स्नेहीजनों को पावनपर्वशारदीय नवरात्रि- २०२३ कीहार्दिक शुभकामनाएं……. ! माता रानी अपने सभी भक्तों का मङ्गल करें ! इस वर्ष
15 अक्टूबर 2023 इस वर्ष शारदीय नवरात्रि पर्व पर माँ भगवती हाँथी पर सवार होकर आ रही है,इसे देवी दुर्गा
१. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री काली नित्य सिद्धमाता स्वाहा।२. ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री कपलिनी नागलक्ष्मी स्वाहा।३. ॐ ऐं
अनंतकोटि ब्रह्मांडों की अधीश्वरी भगवती श्रीदुर्गा ही सम्पूर्ण विश्व को सत्ता और स्फूर्ति प्रदान करती हैं। इन्हीं की शक्ति से
अस्य श्री अर्गला स्तोत्र मंत्रस्य विष्णुः ऋषिः। अनुष्टुप्छंदः। श्री महालक्षीर्देवता। मंत्रोदिता देव्योबीजं। नवार्णो मंत्र शक्तिः। श्री सप्तशती मंत्रस्तत्वं श्री जगदंदा
।। जय माँ जगदम्बिका ।। तव च का किल न स्तुतिरम्बिकेसकलशब्दमयी किल ते तनु:।निखिलमूर्तिषु मे भवदन्वयोमनसिजासु बहि:प्रसरासु च।। इति विचिन्त्य
जिसे तुम जीवन की भांति जानते हो वह अपने भीतर मृत्यु को छिपाए है। जीवन ऊपर की ही पर्त है;