
धर्म की मर्यादा का पालन करते हुए भक्ति
|| श्री हरि: ||— :: x :: —श्रीमदभागवत की कथा में श्रीकृष्ण भगवान् की विविध लीलाओं का वर्णन सुनते ही
|| श्री हरि: ||— :: x :: —श्रीमदभागवत की कथा में श्रीकृष्ण भगवान् की विविध लीलाओं का वर्णन सुनते ही
एक बार एक राजा नगर भ्रमण को गया तो रास्ते में क्या देखता है कि एक छोटा बच्चा माटी के
मतगजेंद्र भगवान राम के चुनिंदा पार्षदों में से एक थे और 10 हजार वर्ष तक शासन के बाद भगवान राम
.आनंदमय एवं सुखमय जीवन के लिए सर्व प्रथम हमें आत्म मंथन करने की बहुत बड़ी आवश्यकता है। दुनिया में किसी
हमारे पास देखनेके लिये जो नेत्र हैं, वे जड़ संसारका अंग होनेसे संसारको ही देखते हैं, संसारसे अतीत चिन्मय भगवान्को
कृष्ण! कृष्ण! कृष्ण! श्री कृष्ण के जन्म से उनकी लीला संवरण तक हर घटना अपने आप में गूढ़ आध्यात्मिक रहस्यों
कृष्ण! कृष्ण! कृष्ण! श्री कृष्ण राधा, मीरा, गोपियों का विरह हैं और उनकी आराधना भी….. वे सूरदास की दृष्टि हैं
धाए धाम काम सब त्यागी।मनहु रंक निधि लूटन लागी।।जनकपुर के निवासियों को जब पता चला कि भूप सुत यानि प्रभु
एक संत एक गाँव से गुजर रहे थे.एक खेत में गेंहू के लहलहाते हुएपौधे देखकर उन्होंने कहा ~भगवान् की कृपा
|| श्री हरि: || गत पोस्ट से आगे …………जब तक साक्षात परमात्मा की प्राप्ति न हो जाय, तब तक पुस्तकों