अशोक वाटिका के फूल
एक संत थे वे राम कथा लिखते थे दिन भर में जो लिखते थे शाम को भक्त लोग इकट्ठा होते
एक संत थे वे राम कथा लिखते थे दिन भर में जो लिखते थे शाम को भक्त लोग इकट्ठा होते
भगवान जब किसी जीव पर कृपा करते हैं तो वे यह नहीं देखते कि उसने कितना जप, तप, पूजा-पाठ या
अयोध्या के राजा दशरथ एक बार भ्रमण करते हुए वन की ओर निकले वहां उनका समाना बाली से हो गया।
बनवास में रहते हुए दस वर्ष हो चुके थे , इतने वर्ष घर से दूर रहने के कारण तीनों के
राम शब्द में दो अर्थ व्यंजित हैं। सुखद होना और ठहर जाना जैसे अपने मार्ग से भटका हुआ कोई पथिक
कौवे के रूप में दिखने वाले कागभुषुंडी प्रभु श्रीराम के बहुत बड़े भक्त थे। इन्हें वरदान प्राप्त था कि वो
जहाँ स्वयं भगवान अवतार लेकर आएं उससे बड़ा तीर्थ और कौन हो सकता है। एक बार लक्ष्मणजी तीर्थ यात्रा पर
आप छ महीने राम को भज कर देखो। मै लेखिका नहीं हूं मैंने बस मेरे अराध्य भगवान नाथ श्री राम
क्या कभी सोचा है कि बहुत से लोग जब एक दूसरे से मिलते हैं तो आपस में एक दूसरे को
अवधपुरी में राजा दशरथ के घर श्रीराम अवतरित हुए तब से ही लोग श्रीराम का भजन करते हैं, ऐसी बात