भक्त श्रीप्रयागदासजी
(भाग 01)
जनकपुर में एक ब्राह्मण दम्पत्ति वास करते थे । ब्राह्मण परम विद्वान् और प्रेमी थे । ब्राह्मण बड़े बड़े लोगो
जनकपुर में एक ब्राह्मण दम्पत्ति वास करते थे । ब्राह्मण परम विद्वान् और प्रेमी थे । ब्राह्मण बड़े बड़े लोगो
बूंदी नगर में रामदासजी नाम के एक बनिया थे, वे व्यापार करने के साथ-साथ भगवान की भक्ति-साधना भी करते थे
रामरक्षा स्तोत्र भगवान श्रीराम की स्तुति है। इसमें भगवान राम की रक्षा पाने हेतु प्रार्थना की जाती है। इसके साथ,
💥इसीलिए बीच से बंटा है केला का पत्ता, पढ़े रोचक कथा।💥 केले के पत्ते के बंटवारे की यह कथा भगवान
नवधा भगति कहेउ तोहि पाहि। सावधान सुनू धरु मन माहीं।।प्रथम भगति संतन्ह कर संगा। दूसरी रति मम कथा प्रसंगा।।अर्थ –
बंधुओं यह बात लगभग 45- साल पुरानी है। जब मैं अपने घर के बाहर एक चबूतरे पर बैठकर राम चरित्र
रामायणकी शक्तिकी कौन कहे, क्या कहीं नजर आता है ऐसा सम्राट्, साम्राज्य, अवतार या पैगम्बर जो भगवान् श्रीरामकी तुलनामें ठहर
एक गाँव में भोला केवट रहता था। वह भोला ही था इसी से उसका नाम भोला पड़ गया था। कोई
मंदोदरी रावण के साथ आई। रावण के पास खड़ी है। रावण बोला यह मंदोदरी आदि सब जितनी रानियाँ हैं, तुम्हारी
कई लोग ये पूछते हैं कि श्रीराम ने धनुष उठा कर स्वयंवर की शर्त तो पूरी कर ही दी थी,