बुद्ध के वचनों को जीवन में उतारना
बुद्ध ने कहा मेरी मूर्तियां मत बनाना… मनुष्य ने अगर उनकी मूर्तियां न बनाई होती तो बड़ी भूल हो जाती.बुद्ध
बुद्ध ने कहा मेरी मूर्तियां मत बनाना… मनुष्य ने अगर उनकी मूर्तियां न बनाई होती तो बड़ी भूल हो जाती.बुद्ध
कृष्णस्तु भगवान् स्वयम्गोवर्धन लीला के उपरांत भगवान श्री कृष्ण ने मानसी गंगा का प्राकट्य किया। नंद-राय जी कन्हैया से बोले-
किसी भी प्रकार की मशीन हो मशीन को चलाते रहेगें तब वह कार्य करती है। मशीन को कुछ समय नहीं
भगवान बुद्ध अक्सर अपने शिष्यों को शिक्षा प्रदान किया करते थे। एक दिन प्रातः काल बहुत से भिक्षुक उनका प्रवचन
एक बार, एक आदमी अपने दो बंदरों के साथ नाव में यात्रा कर रहा था। चूँकि बंदरों ने पहले कभी
हमारी संस्कृति में जल को देवता और नदियों को मां की सर्वोच्च प्रतिष्ठा प्राप्त है। जल को जीवन की संज्ञा
🙏।।ॐ॥॥ॐ।।🙏 एक गोपी कहती है-उद्धव! एक बात कहें! आज हम धन्य हो गई हैं क्योंकि एक तो तुम्हे हमारे प्यारे
सिव सम को रघुपति ब्रतधारी । बिनु अघ तजी सती असि नारी ।।भगवान शिव और माता सती देवी की असीम
आत्मा जब शरीर छोड़ती है तो मनुष्य को पहले ही पता चल जाता है । वो स्वयं भी हथियार डाल
एक बार सूरदासजी किसी भजन कीर्तन में जाने के लिए रास्ते से होकर जा रहे थे। सूरदासजी तो अंधे थे,