
क्या यह तुझे शोभा देगा
प्रसिद्ध बादशाह हारून- अल रशीदके एक लड़केने एक दिन आकर अपने पितासे कहा कि ‘अमुक सेनापतिके लड़केने मुझको माँकी गाली

प्रसिद्ध बादशाह हारून- अल रशीदके एक लड़केने एक दिन आकर अपने पितासे कहा कि ‘अमुक सेनापतिके लड़केने मुझको माँकी गाली

‘माताजी! इतनी गम्भीरतासे क्या देख रही हैं ?’ ‘कुछ नहीं शिवा! यही कि आस-पास सभी किलोंपर तेरी विजय- वैजयन्ती फहरा

करीब डेढ़ सौ वर्ष बीत चुके होंगे। चम्पारनमें केशरिया थानाके अन्तर्गत एक ढेकहा गाँव है। वहीं गण्डक नदीके किनारे श्रीकर्त्ताराम

आर्यसमाजके संस्थापक श्रीस्वामी दयानन्दजी सरस्वतीके अत्यन्त निकटके श्रद्धालु भक्तोंमें थे पंजाबके पण्डित श्रीगुरुदत्तजी विद्यार्थी । स्वामीजीके देहावसान के अनन्तर उनके

एक किसानकी कथा एक बार कबीरने एक किसानसे पूछा कि क्या तुम पूजा-पाठ, भगवद्धजनके लिये कुछ समय देते हो ?

महाराज युधिष्ठिर कौरवोंको युद्धमें पराजित करके समस्त भूमण्डलके एकच्छत्र सम्राट् हो गये थे। उन्होंने लगातार तीन अश्वमेध यज्ञ किये। उन्होंने

संकल्पकी शक्ति शराब पीकर एक व्यक्ति गन्दे नालेके पास गिरा हुआ था। आस-पासके लोग उसे घृणाकी दृष्टिसे देख रहे थे।

एथेन्स सोलन नामका एक बड़ा भारी विद्वान् रहता था। उसे देशाटनका बड़ा शौक था। एक बार वह घूमता चामा लोडिया

मर्यादापुरुषोत्तम विश्वसम्राट् श्रराघवेन्द्र अयोध्याके सिंहासनपर आसीन थे। सभी भाई चाहते थे कि प्रभुकी सेवाका कुछ अवसर उन्हें मिले; किंतु हनुमानजी

पुरुषार्थ करनेसे संकटसे मुक्ति मिलती है वाराणसीमें भगवान् त्रिलोचनके मणिमाणिक्यनिर्मित मन्दिरमें कबूतरोंका एक जोड़ा निवास करता था। वे दोनों कबूतर