राजा जनक के दरबार में भगवान शंकर का धनुष
राजा लोग पहले कमर कसते हैं, माने अपने बल का प्रदर्शन करते हैं, फिर उठते हैं, तब व्याकुल होकर अपने
राजा लोग पहले कमर कसते हैं, माने अपने बल का प्रदर्शन करते हैं, फिर उठते हैं, तब व्याकुल होकर अपने
एक दिन संध्या के समय सरयू के तट पर तीनों भाइयों संग टहलते श्रीराम से महात्मा भरत ने कहा, “एक
जब श्रीराम जी का राज्याभिषेक हुआ, तब एक दिन श्रीराम ने श्रीभरत जी को उलाहना दिया, “तुम इतने उदार और
अयोध्या आगमन के बाद राम ने कई वर्षों तक अयोध्या का राजपाट संभाला और इसके बाद गुरु वशिष्ठ व ब्रह्मा
एक सुपंथ नाम का धर्मात्मा राजा था, एक बार अयोध्या में संत सम्मेलन होने जा रहा था तो संत सम्मेलन
‘अध्यात्म रामायण’ कहती है कि एक रात जब माता कैकेयी सोती हैं तो उनके स्वप्न में विप्र, धेनु, सुर, संत
जाकी रही भावना जैसी।प्रभु मूरति तिन्ह देखी तैसी।। श्रीरामचरितमानस के बालकाण्ड की यह चौपाई है। जिसके पास जैसा भाव है,
कहा जाता है कि की जब लंका विजय के लिए नल-नील समुद्र पर सेतु बनाने में लगे थे, तब कई
. एक समय श्रीराम को मुनियों के द्वारा यह समाचार मिलता है कि लंकापति विभीषण द्राविड देश में कैद हैं।
रामायण से एक प्रसङ्ग….लंका में युद्ध अपनी चरम सीमा पर था।श्रीराम की सेना आगे बढ़ती ही जा रही थी और