कहाँ छुपे हो कन्हैया

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क्यों तूँ मीठी मीठी बांसुरी वजाए वार वार,
कहाँ छुपे हो कन्हैया आजा सामने इक वार ।
क्यों तो नज़रे मिलाई तो से नैन किए चार,
कहाँ छुपे हो कन्हैया आजा सामने इक वार ॥

सांसो के तार पर मन की वीणा बोले,
लगी है लग्न बस तेरी काहे तूँ न बोले ।
तुझे ढूँढू गली गली और सब द्वार द्वार,
कहाँ छुपे हो कन्हैया आजा सामने इक वार ॥

जाने कैसा जादू तेरी मुरली में मोहन,
सुध विसरा दी श्याम भूल गई तन मन ।
मेरा करता है मन बस तेरी पुकार,
कहाँ छुपे हो कन्हैया आजा सामने इक वार ॥

तेरी वो वाह की चितवन कैसे भुलाएं श्याम,
न जाने कया देखा तुझमे झलक को तरस गए श्याम ।
दे दे तेरी जो खबरिया उसकी जाऊं बलिहार,
कहाँ छुपे हो कन्हैया आजा सामने इक वार ॥

तान सुना के श्याम सुध विसरा दी,
तन मन में मेरे श्याम आग लगा दी ।
तुझे कैसे समझाऊं कभी किया नहीं प्यार,
कहाँ छुपे हो कन्हैया आजा सामने इक वार ॥स्वरअजय तिवारी

Why do you use sweet and sweet flute wisely,
Where are you hiding Kanhaiya aaja in front of you.
Why did you meet your eyes?
Where are you hiding Kanhaiya aaja in front of you
On the strings of the breath, the veena of the mind said,
You are not married because of you.
I will find you from street to street and from door to door,
Where are you hiding Kanhaiya aaja in front of you
Know how the magic is in your murli, Mohan,
Sudh Visra di Shyam forgot body and mind.
My heart is just your call,
Where are you hiding Kanhaiya aaja in front of you
Shyam,
Don’t know what you saw, Shyam yearned for a glimpse of you.
Give me your news, let me go to Balihar,
Where are you hiding Kanhaiya aaja in front of you
Tana heard ke Shyam Sudh Visra di,
I lit fire in my body and mind.
How can I explain to you that I never did love,
Where are you hiding?

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