जहाँ सुमरु वाहाँ पाऊ मेरे श्याम धनि ने

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जहाँ सुमरु वाहाँ पाऊ मेरे श्याम धनि ने,

लीले चढ़ आवे श्याम बिहारी,
मंडे री बात सुनाऊ म्हारो सांवरिया ने,
जहाँ सुमरु वाहाँ पाऊ

हर ग्यारस में ज्योत जगाउ,
बरस की थारे धोक लगाउ नित नयम सु ध्याऊ,
म्हारो सांवरिया ने,
जहाँ सुमरु वाहाँ पाऊ

महेड बाबुल माहरो श्याम सहरो,
सांचो साथी माहरो सखा है प्यारो,
हर पल संग मैं पाउ म्हारो सांवरिया ने,
जहाँ सुमरु वाहाँ पाऊ

दीना नाथ मैं अर्जी लगाउ सुमिरन से पहर ले ही पाउ,
धरनी धरवा रिजाओ म्हारो सांवरिया ने,
जहाँ सुमरु वाहाँ पाऊ

Where I can find Sumru, my Shyam Dhani,

Shyam Bihari,
Mharo Saawariya will recite the talk on Monday,
Where can I find Sumaru?

Light the flame every year,
Bars ki thaare dhok lagau nit nayam su dhyau,
Mharo Saawariya said,
Where can I find Sumaru?

Mahed Babul Mahro Shyam Saro,
Sancho fellow Mahro is dear,
Every moment with me Pow Mharo Saawariya,
Where can I find Sumaru?

Dina Nath, I will request Sumiran to be able to take time,
Dharni Dharwa Rijao Mharo Saawariya,
Where can I find Sumaru?

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