सूझे न डगरियाँ श्याम बिना,
कब लोगे हमारी नाथ खबरियां श्याम बिना
गोकुल छोड़ी मथुरा सिधारो कब होये है हमरी और नजरियां श्याम बिना,
सूझे न डगरियाँ श्याम बिना,
उलझ गयो जब दुर्योधन से,
नाश कियो गोकुल नगरियां श्याम बिना,
सूझे न डगरियाँ श्याम बिना,
हम चितवत तुम चितवत नाही
हे मोहन चितचोर सांवरियां श्याम बिना,
सूझे न डगरियाँ श्याम बिना,
Do not understand without Shyam,
When will our Nath Khabariyaan without Shyam
Gokul left Mathura Sidharo, when we have our eyes and eyes without Shyam,
Do not understand without Shyam,
Got confused when Duryodhana,
Destroy Gokul cities without Shyam,
Do not understand without Shyam,
We are not thinking about you
Hey Mohan Chitchor Sanwariyan Shyam Bina,
Do not understand without Shyam,