साखी: रंग रंगीले श्याम के बरसे रंग अपार’
छीटा जिसके लागेगा होगा भव से पार”
म्हारी झोपडी में एक बार आजा,
आजा रे म्हारा सेठ सांवरा…
थारे कारण कान्हा झुला है डालिया,
झुला रे डाला कान्हा झुला रे डालिया
तु तो झुलवाने एक बार आजा
आजा रे म्हारा सेठ सांवरा…
थारे कारण कान्हा भोजन बनाया,
भोजन बनाया कान्हा माखन बनाया
तु तो जिमवाने एक बार आजा
आजा रे म्हारा सेठ सांवरा…
थारे कारण कान्हा राधा बुलाई
राधा बुलाई संग में रूकमण बुलाई
तु तो रास रचावन आजा
आजा रे म्हारा सेठ सांवरा…
uploaded by : हेमन्त कुमार
Sakhi: The colors of the colors are immense.
Whose spit will be spread beyond the world.
Once in my hut,
Aaja Re Mhara Seth Sawra…
Kanha is swinging because of Thare,
Jhula Re Dalia Kanha Jhula Re Dalia
you come once to swing
Aaja Re Mhara Seth Sawra…
Because of this, Kanha made food,
Made food Kanha made butter
you come to the gym once
Aaja Re Mhara Seth Sawra…
Kanha called Radha because of these
Radha called Rukman in the company
tu to raas rachwan aaja
Aaja Re Mhara Seth Sawra…
uploaded by : Hemant Kumar