हम को है क्या गम साथ जो हर दम,
श्याम प्रभु रहते है,
मत गबराना मेरे प्यारो,
वो हमसे कहते है,
श्याम के प्रेमी कभी न सोचे आगे क्या क्या होना है,
उनको तो बस श्याम प्रेम सा सागर में नाम डुबोना है,
फिर सांवरियां ही सब जाने हम तो मगन रहते है,
श्याम प्रभु रहते है,
कोई भी हालत टिका न सके श्याम के प्यारो को,
और निराशा तोड़ न पाती श्याम प्रेम के तारो को,
जिन नैनो में श्याम समाये वो न कभी बहते है,
श्याम प्रभु रहते है,
हम सब श्याम दीवानो की पहचान अलग ही रहती है,
देखि वो है श्याम का प्यारा खुद ही दुनिया कहती है,
मुख पर होती इक चमक अनोखी गम न कभी सहते है,
श्याम प्रभु रहते है,
जिस गुलशन को अपने हाथो खुद ये श्याम सजायेगा,
संजय उसका फिर कोई फूल कैसे भला मुर्झायेगा,
हर मौसम में सदा महक ते श्याम के गुल रहते है,
श्याम प्रभु रहते है,
What sorrow do we have with everyone,
Shyam Prabhu lives
Don’t worry my dear
He tells us,
Shyam’s lover never thinks what will happen next.
All they have to do is drown their name in the ocean of Shyam Prem.
Then we all know that we are happy,
Shyam Prabhu lives
No condition can sustain Shyam’s beloved,
And despair could not break the stars of love,
The nano in which the blackness is contained, it never flows,
Shyam Prabhu lives
The identity of all of us shyam lovers remains different.
See, she is Shyam’s beloved, the world itself says,
There is a glow on the face that never bears the unique sorrow,
Shyam Prabhu lives
The Gulshan which this Shyam himself will decorate with his own hands,
Sanjay how will any flower of his then wither away?
In every season there is always the fragrance of shyam,
Shyam Prabhu lives