बाबा ने मंत्र मार दियां ईब के चाहिए,
मेरे बाबा लखदातार इस ने करा बड़ा उपकार,
अब मैं इस से ज्यादा के कहु,
मेरा बेडा पार उतार दियां ईब के चाहिए,
पहला थी बड़ी कंगाली ईब छाई है खुश हाली
बाबा ने जो बांह पकड़ी दिन होली रात दिवाली,
मेरा बिगड़ा काज सवार दियां ईब के चाहिए,
मेरे घर में बारे भंडारे तने कर दिए महल मीनारे,
मेरी टूटी फूटी साइकल ईब बढ़ गई मोटर कारे,
दो माँगा इस ने चार दियां,
ईब के चाहिए,
मेरी आँख ख़ुशी से रोती,
ईब खाऊ चैन के रोती,
मने इतना मिला बाबा से मेरी झोली पड़ गई छोटी,
इस तरुण का भार उतार दियां,
ईब के चाहिए,
Baba killed the mantra, Ib needed it,
My Baba Lakhdatar has done him a great favor,
Now let me say more than this,
Took off my boat across the ebb,
The first was a big pauper who is happy
The arm that Baba held, Holi night Diwali,
I want to be able to ride my bad hinge,
About my house, the palace minaret was erected.
My broken cycle ebb increased motor cars,
He asked for two, gave four,
eb needs,
my eyes cry with joy,
Ib khau cries of peace,
I got so much from Baba, my bag was small,
Take off the burden of this youth,
eb needs,