कैला मां लागे प्यारी मैं जाऊं रे बलिहारी
मैया की सूरत मन मोहे, सोने को सिर छत्तर सोहे
चुनर की शोभा न्यारी मैं जाऊं रे बलिहारी
नैनों में ममता झलक रही, माथे पर बिंदिया चमक रही
जैसे चंदा की उजियारी मैं जाऊं रे बलिहारी
गले में फूलों के हार सजे, हाथों में है हथियार सजे
मां करती शेर सवारी में जाऊं रे बलिहारी
नजरों से प्रेम सुधा बरसे, दर्शन को सबका मन तरसे
सच कहता आज अनाड़ी मैं जाऊं रे बलिहारी
लेखक टीकम जलन्द्रा उदयपुरा
Kaila Maa Laage Pyari Main Jaoon Re Balihari
Maya’s face is captivating
Chunar Ki Shobha Nyari Main Jaoon Re Balihari
Mamta is visible in the nano, the dot is shining on the forehead
Like the light of donation I go, Re Balihari
Necklaces are decorated with flowers, weapons are in hands
Mother does a lion ride, Re Balihari
Sudha showered love with her eyes, everyone’s heart yearned for Darshan
Tell the truth today I go clumsy, re Balihari
The author Tikam Jalandra Udaipura