माँ यशोदा का नटखट लाल मटकी फोड़ गयो
वो माने ना मेरी बात को के मटकी फोड़ गयो
माखन चुराता है हमको सताता है
हमें तड़पा के वो कहीं छुप जाता है
ग्वाल बालों की लेके बारात को
के मटकी फोड़ गयो तोड़ गयो
नन्द का दुलारा वो राधा को प्यारा वो
नटखट छबीला है सबसे न्यारा वो
हम पकड़ेंगे कान्हा की चाल को
के मटकी फोड़ गयो तोड़ गयो
हाथ जो आएगा बड़ा पछतायेगा
पकड़ेंगे कान्हा को मामा बुलाएगा
जाल हमने बिछाया ऐसा रात को
के मटकी फोड़ गयो तोड़ गयो
Mother Yashoda’s naughty red pot broke
He didn’t listen to me, the pot broke
steals butter, persecutes us
We tormented that he hides somewhere
To the procession of cowherd hair
The pot broke and broke
Nanda’s darling, she’s dear to Radha
Naughty Chhabila is the most beautiful
We will catch Kanha’s trick
The pot broke and broke
The hand that comes will regret a lot
Will catch Kanha call Mama
We laid a trap like this at night
The pot broke and broke