आयी शरद पूनम की रात
मधुबन में आज रच्यो महारास
चारों दिशाओं में मुरली की तान,
गोपियों के संग नाचे राधे का श्याम ।
धरती गगन झूमे होके मगन,
गूंजन में छाया है प्रेम का रंग ।
करे चंदा की किरणे प्रकाश,
मधुबन में आज रच्यो महारास…
यमुना के लहरों में कैसा है शोर,
ले गया मन मेरा हाय चितचोर ।
चरणों की दासी बावरिया हुई,
मैं तो बस तेरी सांवरिया हुई ।
रख ले मुझको तू चरणों के पास
मधुबन में आज रच्यो महारास…
The night of Sharad Poonam came
Rachio Maharas in Madhuban today
The sound of the flute in all four directions,
Radhe Ka Shyam dances with the gopis.
The earth is rejoicing in the sky,
The shadow in the echo is the color of love.
Let the rays of donation light up,
Rachio Maharas in Madhuban today…
How is the noise in the waves of Yamuna?
Took my mind hi Chitchor.
The maid of the feet became Bavaria,
I am just your saawariya.
keep me by your feet
Rachio Maharas in Madhuban today…