किरपा को क्या मैं गाऊ किरपा से गा रहा हु,
खुश किस्मत है मेरी इनको रिजा रहा हु,
किरपा को क्या मैं गाऊ किरपा से गा रहा हु,
भावो के समंदर में जिस ने मुझे तिराया,
उनके दिए ही भावो में उनको डूबा रहा हु,
किरपा को क्या मैं गाऊ किरपा से गा रहा हु,
थोड़ा सा क्या सजाया मन में घुमान आ गया,
जिसने मुझे सजाया उसको सजा रहा हु,
किरपा को क्या मैं गाऊ किरपा से गा रहा हु,
सुनलो एह दुनिया वालो अंदर की बात है,
वो बीज वो रहा है और फल मैं खा रहा हु,
किरपा को क्या मैं गाऊ किरपा से गा रहा हु,
इनकी किरपा का वरनन ग्रंथो में भी न हो स्का,
सुभम रूपम जो भी सुना वो गुण गुना रहा हु,
किरपा को क्या मैं गाऊ किरपा से गा रहा हु,
Can I sing Kirpa to Kirpa?
I am lucky to have them,
Can I sing Kirpa to Kirpa?
In the ocean of emotions, the one who made me cry,
I am drowning them in the same feelings given by them,
Can I sing Kirpa to Kirpa?
What decorated a little bit, a twist came in my mind,
I am decorating the one who decorated me,
Can I sing Kirpa to Kirpa?
Listen, oh the people of the world, it is a matter inside,
That seed has been there and I am eating the fruit,
Can I sing Kirpa to Kirpa?
Their splintering could not be found in the texts as well.
Whatever I heard Subham Rupam, I am multiplying that quality,
Can I sing Kirpa to Kirpa?