हमसे भली जंगल की चिड़ियाँ
जब बोलें तब रामहि राम
ब्रह्म मुहूरत उठ कर पंछी
प्रभु का ध्यान लगाते हैं ,
चहक चहक मधुमय रामामृत
जंगल में बरसाते हैं
पर हम अहंकार में डूबे
अपने ही गुन गाते हैं ,
गुरु जन के आदेश भूल हम
जीवन व्यर्थ गंवाते हैं
हमसे भली जंगल की चिड़ियाँ
जब बोलें तब रामहि राम
कितने भाग्यवान हैं हम सब
ऐसा सतगुर पाया है ,
जिसने हमको “राम” नाम का
सहज योग सिखलाया है
माया जंजालों में फँस कर
हमने उसे भुलाया है ,
पर चिड़ियों ने राम मंत्र
जीवन भर को अपनाया है
हमसे भली जंगल की चिड़ियाँ
जब बोलें तब रामहि राम
the birds of the forest better than us
Ramhi Ram when you speak
Birds get up at Brahma Muhurat
meditate on the Lord,
Cheer Chak Madhumay Ramamrit
rain in the forest
But we drown in arrogance
sings his own songs,
We forgot the orders of Guru Jan
waste lives
the birds of the forest better than us
Ramhi Ram when you speak
how lucky we all are
have found such a virtue,
Who gave us the name “Ram”
Sahaja Yoga is taught
trapped in maya’s webs
We have forgotten him
But the birds chanted the Ram mantra
adopted for a lifetime
the birds of the forest better than us
Ramhi Ram when you speak