गोकुल जन्मे कुंवर कन्हियाँ घर घर खुशिया छाये,
चलो चलिए सखी सब मिल के मंलग गाये,
भादो मॉस की तीरथि अष्टमी प्रभु मोरे अवतार,
घुमड़ घुमड़ के मेगा बरसे छाये है बादल काले,
चलो चलिये सखी कान्हा को भोग लगाए,
मोतियन चौक पुरे है न्यारे चालन नन्द निवारे,
चंदन के पलना में लला झूल रहे है प्यारे,
चलो चलिये सखी कान्हा को मुकट पहनाये
मोर मुकट ही माथे सोहे कानो में कुण्डन साजे,
घटी पीताम्बर गर्दन सोहे हाथ में मुरली विराजे,
चलो चलिये सखी कान्हा को हरवा पहनाये
Gokul-born Kunwar Kanhiyas spread happiness from house to house,
Let’s all sing together, friends
Ashtami Prabhu More Avatar of Bhado Moss Tithi,
Ghumad Ghumar’s mega rain is cloudy,
Come on let’s offer Bhog to Sakhi Kanha,
Motian chowk is full of nice chalan nand niware,
Son is swinging in the bed of sandalwood, dear,
Let’s wear Sakhi Kanha’s headgear
A peacock is crowned with a kundan on its forehead.
The murli is sitting in the neck of Pitambar with a sleeping hand.
Let’s make Sakhi Kanha wear Harva