आओ मेरी पालकी में बैठो साई नाथ,
चलो मेरी झोपडी में आज मेरे साथ,
मान लो न बाबा मेरी छोटी सी बात,
चलो मेरी झोपडी में आज मेरे साथ,
मेरे आंगन में भी नीम की छाव है,
साईं शिर्डी सा पावन मेरा गाव है,
हर घर में हा मूरत तुम्हारी,
देख सब जागे है सूरत तुमारी,
साईं वचन होते है होते ही हीरा,
चलो मेरी झोपडी में आज मेरे साथ,
मेरी श्रधा निहारे तेरा रास्ता,
तुम्हे मेरी सबुरी का है वास्ता,
मेरी झोपडी के भाग भी सवार दो,
मेरी पालकी को भी अपना प्यार दो,
देर न लगाओ बाबा थाम लो न हाथ,
चलो मेरी झोपडी में आज मेरे साथ,
याचना सुन लो साईं गरीब की,
खोल दो बंद खिडकी नसीब की,
अपने हाथो से खिचड़ी खिलाऊ गा हुकम दो चिलम भर लाऊगा,
प्यासा हु करदो कर्म की बरसात,
चलो मेरी झोपडी में आज मेरे साथ,
Come sit in my palanquin, Sai Nath,
Come with me in my hut today,
Don’t accept my small talk, Baba
Come with me in my hut today,
There is a neem tree in my courtyard too.
Sai Shirdi is my holy village,
Your idol is in every house,
Seeing everyone is awake, Surat is yours.
As soon as there is a Sai word, there is a diamond,
Come with me in my hut today,
My faith beholds your way,
You care about my Saburi,
Ride the part of my hut too,
Give your love to my palanquin too,
Don’t delay Baba, take hold or hand,
Come with me in my hut today,
Hear the plea of Sai poor,
Open the closed window of luck,
If I feed khichdi with my own hands, I will bring two chillams full,
I am thirsty, do karma rain,
Come with me in my hut today,