फागुन की ग्यारस जब आ जाती है तो सँवारे की याद सताती,
खाटू की गाडी जब छूट जाती है तो बेचैनी बढ़ जाती है,
फागुन में बाबा का लगता है मेला
श्याम प्रेमियों का आता है रेला,
होती है मेहरबानियाँ भर्ती है सब की झोलियाँ,
फागुन की ग्यारस जब आ जाती है तो सँवारे की याद सताती है,
खाटू की गलियों में उड़ती गुलाल है,
सँवारे के सेवक करते कमाल है,
लगती है लाखो अर्जियां होती है सुनवाइयां,
खाटू की गाडी जब छूट जाती है वेचैनी बढ़ जाती है,
लम्भी कतारों में दीखते निशान है,
पुरे याहा पर होते सब के अरमान है,
जय कोशिशक जो भी लिख रहा लिखवाता बाबा श्याम है,
फागुन की ग्यारस जब आ जाती है तो सँवारे की याद सताती है,
When Phagun’s elation comes, the memory of beauty haunts,
When Khatu’s car leaves, the restlessness increases,
Baba’s fair is held in Phagun
Shyam lovers’ train comes,
Mercy is admitted, everyone’s bags are there,
When Phagun’s elation comes, the memory of beauty haunts,
There is gulal flying in the streets of Khatu,
Doing servants of grooming is amazing,
It seems that there are lakhs of applications for hearings,
When Khatu’s car leaves, the restlessness increases,
There are marks visible in the long queues,
Everyone’s desires are on the whole yaha,
Jai Prasak, whoever is writing, gets Baba Shyam to write,
When Phagun’s elation comes, the memory of beauty haunts,