सीना चीर के बोले हनुमान जी

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सीना चीर के बोले, हनुमान जी,
मेरे ह्रदय, विराजे श्री राम जी ,

जिसके ह्रदय, राम वसे हैं, “वोह यह कभी न चूके,
पत्थर की, मानव है बंदे, “जिनके चरण को छूह के,
*बस नाम ले के, करूँ बड़े काम जी ,
मेरे ह्रदय, विराजे श्री राम जी ,
सीना चीर के बोले,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

जो बगिया ले, नाम हरि का, “बोए कभी न सूखे ,
कोयलिया मल, आए गाए, “संग सभी की कूहके” ,
*वोह ही स्वामी, मेरे भी हैं प्राण जी ,
मेरे ह्रदय, विराजे श्री राम जी ,
सीना चीर के बोले,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

भक्ति रंग में, रंग गई छवरी, “बेर खिलाए जूठे”,
ज्यों ज्यों कम, होती जाए बेरियाँ, “संकट कटते ऊह के” ,
*है जाँच करत, परिणाम जी ,
मेरे ह्रदय, विराजे श्री राम जी ,
सीना चीर के बोले,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

Cena chirp said, Hanuman ji,
My heart, Viraje Shri Ram ji,

Whose heart is Ram, “May he never miss this,
of stone, human beings, “by touching whose feet,
* Just take the name, I will do great work,
My heart, Viraje Shri Ram ji,
Cena rag said,,,,,,,,,,,,,,,

Whoever takes the garden, the name of Hari, “Never sow dry,
Koelia Mal, came and sang, “With everyone’s whispers”,
* He is the master, I also have Pran ji,
My heart, Viraje Shri Ram ji,
Cena rag said,,,,,,,,,,,,,,,

Bhakti in color, the image was painted, “Plum is fed, leftovers”,
As soon as the berries become less,
* Let’s check, result ji,
My heart, Viraje Shri Ram ji,
Cena rag said,,,,,,,,,,,,,,,

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