भगतो को चढ़ गया रंग बाबा तेरे नाम का,
आया मेला झूम के जी खाटू वाले श्याम का,
फागण में जो दर तेरे आवे मन की मुरादे पावे रे,
रींगस से तेरी ध्वजा लहराते खाटू में जो आवे रे,
मिट जाए दुःख कलेश बन जाए बंदा काम का,
आया मेला झूम के जी खाटू वाले श्याम का,
खाटू में तेरे श्याम कुंड की महिमा बहुत बतावे रे,
दूर दूर से आवे यात्री श्याम कुंड में न्हावे रे,
कटे चौरासी नाम जो ले बाबा तेरे धाम का,
आया मेला झूम के जी खाटू वाले श्याम का,
बाबा के सेवक बाबा ने छप्पन भोग लगावे रे,
बाबा को स्व मणि लगा के अपनी अर्ज सुना वे रे,
बन जाए बिगड़े काम जो बोले नाम श्याम का,
आया मेला झूम के जी खाटू वाले श्याम का,
सुन फर्याद श्याम तू मेरी गौतम दर तेरे आया से,
निशान तेरा चडावां खातिर टाबर बंधु लाया से,
तेरे किरपा से कहलाया नौकर मैं श्याम का,
आया मेला झूम के जी खाटू वाले श्याम का,
Baba got the color of your name,
Came a fair of Jhum ke ji Khatu Wale Shyam,
Whatever rate you wish in Phangan, may your heart’s wishes be fulfilled,
Whoever comes in Khatu waving your flag with rings,
May the sorrow become an affliction,
Came a fair of Jhum ke ji Khatu Wale Shyam,
Tell me a lot about the glory of your Shyam Kund in Khatu.
Travelers who come from far and wide will stay in Shyam Kund,
Cate eighty-four names that take Baba to your Dham,
Came a fair of Jhum ke ji Khatu Wale Shyam,
Baba’s servant Baba offered fifty-seven bhog.
Baba felt self-conscious and heard his request, he
Let the bad work become the one who said the name of Shyam,
Came a fair of Jhum ke ji Khatu Wale Shyam,
Listen, Shyam, you are my gautam dar tere aaya se,
For your chadavan’s sake,
I am Shyam’s servant, called from your kirpa.
Came a fair of Jhum ke Ji Khatu Wale Shyam,