शरद की पूनम पर जो भी कड़छा जाते हैं ।
गुरूवर टेकचंद जी उनको गले से लगाते हैं ॥
समाधी उत्सव होता है भारी ,
जानती है जिसको दुनिया सारी ।
गुरू यहाँ आशीष बरसाते हैं ॥
फुलो से मंदिर सजता है न्यारा ,
स्वर्ग से सुंदर लगता नजारा ।
जब थोडा सा गुरूवर मुस्काते है ॥
पूनम की आरती का नजारा ,
देखने तरसता जिसे जग सारा ।
गुरूवर जब अमृत बसराते है ॥
भाव से कड़छा धाम जो आता ,
पल भर में उसको सब मिल जाता ।
नवयुवक गुरू मिल जाते हैं ॥
लेखक – राधेकृष्णा लेखनी
नागदा धार म.प्र.
Whoever gets bitter on the Poonam of Sharad.
Guruvar Tekchand ji hugs him.
Samadhi festival is heavy,
Knows whom the whole world knows.
Guru showers blessings here.
The temple is decorated with flowers,
Beautiful view from heaven.
When a little Guru smiles
Poonam’s aarti scene
The whole world longs to see.
When the Guru bathes the nectar.
The bitter dham that comes with emotion,
He would get everything in an instant.
Young Gurus are found.
Nagda Dhar MP