सुनकर के मईया के चर्चे हज़ार ,
पहुंचा मैं जम्मा के गोरिया दरबार ,
देखा नजारा तो चकरा गया , सोचने लगा मैं कहाँ आ गया ,
लगी ऐसी लगन , हुआ मस्त मगन ,
माँ के दर्शन को दिल मेरा बेचैन हो गया …जय हो !!
मैं तो भंवरावाली जीण माँ का फैन हो गया – ४
देखी जो माँ की मूरत इक नजर , छाने लगा मुझपे ऐसा असर – २
किरपा मुझपे माँ की होने लगी , सुख दुःख से मैं हो गया बेखबर ,
लगी ऐसी लगन , हुआ मस्त मगन ,
माँ के चरणों से अब ऐसा प्रेम हो गया …जय हो !!
मैं तो भंवरावाली जीण माँ का फैन हो गया – ४
करता हूँ प्रॉमिस हर नवरात में , लेकर निशान अपने हाँथ में ,
तेरे मंदिर में माँ , आऊंगा परिवार के साथ में ,
लगी ऐसी लगन , हुआ मस्त मगन ,
हर साल यहाँ आने का प्लान हो गया …जय हो !!
मैं तो भंवरावाली जीण माँ का फैन हो गया – ४
फैन हो गया रे मैं तो फैन हो गया ,
भंवरावाली जीण माँ का फैन हो गया ।
Listening to Mayya’s discussions a thousand,
I reached the Goria court of Jamma,
I was shocked when I saw the sight, I started thinking where have I come,
There was such passion, there was a great joy,
My heart became restless at the sight of mother… Jai Ho !!
I have become a fan of Bhanwarwali Jeen Maa – 4
The one who saw the idol of the mother, began to see such an effect on me – 2
I was oblivious to my happiness and sorrow.
There was such passion, there was a great joy,
Now there is such love from mother’s feet… Jai Ho !!
I have become a fan of Bhanwarwali Jeen Maa – 4
I promise every Navrat, carrying a mark in my hand,
will come to your temple, mother, with family,
There was such passion, there was a great joy,
It was planned to come here every year… Jai Ho!!
I have become a fan of Bhanwarwali Jeen Maa – 4
I have become a fan, I have become a fan.
Bhanwarwali became a fan of Jeen Maa.