यशोदा माँ का लाडाला हाथो से निकल गयो जी,
माखन से लत पत हाथ से पकड़ा तो फिसल गयो जी,
देखन को तरसे गोकुल की सारी गुजरियां,
यशोदा सोचे लला को लागे न नजरियाँ ,
लुका छुपी के खेल में आँखों से ओह्जल बेहो जी,
यशोदा माँ का लाडाला हाथो से निकल गयो जी,
माखन चुराए तो भी शिकायत करती,
नही चुराए तो भी शिकायत करती,
पड़े न उनको चैन
यशोदा माँ का लाडाला हाथो से निकल गयो जी,
मैया डांटे तो उठत बैठक लगाया कहे कान पकड़ के मैं नहीं माखन खायो,
मैं नहीं मखान खायो कह के मैया से लिपट गयो जी ,
यशोदा माँ का लाडाला हाथो से निकल गयो जी,
माखन खिलाये तो गाये का दूध बढ़ जाए,
माखन छिपाये तो गाये भी नखरे दिखाए,
माखन खिलाने वालो का घर ओ भी खुशियों से भर गया जी,
यशोदा माँ का लाडाला हाथो से निकल गयो जी,
Yashoda Maa’s Ladala got out of hand,
If you caught the stick with butter in your hands, then you slipped,
All the passages of Gokul yearned to see,
Yashoda thinks that Lala does not care,
Ohjal Beho ji with eyes in the game of hide and seek
Yashoda Maa’s Ladala got out of hand,
Even if she stole the butter, she would have complained.
Even if he did not steal, he would complain,
don’t let them rest
Yashoda Maa’s Ladala got out of hand,
When Maya scolded, she got up and started a meeting and said that I should not eat butter by holding my ears,
I didn’t eat Makhan, I got wrapped up in Maya by saying,
Yashoda Maa’s Ladala got out of hand,
If you feed butter, then the cow’s milk will increase,
If you hide butter, even cows show tantrums.
The house of those who feed butter is also filled with happiness.
Yashoda Maa’s Ladala got out of hand,