मत रोकिया कर रस्ता मेरा छोड़ दे मने सताना,
सुन मुरली वाले घर थारे जावेगा उल्हाना,
जब जाऊ मैं दही वेचन ने आगे खड़ा पावे,
मारे कंकर तोड़े मटकी दही मेरी बिखरावे
आज यशोदा मैया से जाके मने बताना,
सुन मुरली वाले घर थारे जावेगा उल्हाना,
किस से आदत सीखी कान्हा तने बता चोरी की ,
सारी गोपियाँ में चर्चा है इस जोरा जोरी की,
नन्द बाबा ने पड़ जा इस हरकत पे नजर झुकाना,
सुन मुरली वाले घर थारे जावेगा उल्हाना,
रोज रोज तू सुने बात न ना तेरे से लागण की,
के घर में थारे कमी क्या बता दे दूध दही माखन की ,
मांग के खाली छोड़ दिए चोरी का शोंक पुराना,
सुन मुरली वाले घर थारे जावेगा उल्हाना,
Don’t stop, leave me the way, I’m tormented,
Listen to the house of the murli,
When I go, I find the curd vechan standing in front,
Mare the kankars, break the pot with curd, scatter me
Today, go to Yashoda Maiya and tell me,
Listen to the house of the murli,
From whom did you learn the habit, tell Kanha Tane and stole it,
There is a discussion among all the gopis about this loud noise,
Nand Baba fell down and bowed down to this act,
Listen to the house of the murli,
Every day you listen to neither talk nor lag with you,
Tell me what is lacking in the house of milk, curd, butter,
The old fear of theft, left empty of demand,
Listen to the house of the murli,