कोई शोंक न था खेल ने का हम को खतरों से,
पर क्या करे दिल खो गया उन टेडी नजरो में,
उन जादू भरी नजरो से मेरे मिल गए नैन,
मेरे दिन बदल गए मेरे दिन स्वर गए,
सारी दुनिया से हार के पोंचा वृंदावन
मेरे दिन बदल गए मेरे दिन स्वर गए,
निर्मोही था निर्लज भी था कपटी था ये मन,
खुल के वता सकू तुम्हे ऐसे न थे कर्म,
करुना के उस भंडार में मुझपे जो किया रहम,
There was no concern that the game had put us in danger,
But what to do, the heart was lost in those teddy eyes,
With those magical eyes, I got my Nain,
My days have changed, my days have changed,
Vrindavan wipes off defeat from the whole world
My days have changed, my days have changed,
It was selfless, it was also shameless, this mind was insidious,
I could openly tell you that you did not have such karma,
What mercy did you do to me in that store of compassion,