याद सतावे श्याम धणी थारी याद सतावे रे,
कब से तेरी बात निहारु क्यों नहीं आवे रे,
बीच ववर में नैया डोले क्यों नहीं आखा खोले
थारे जैसो नहीं खिवाइयो सेवक थारा बोले,
नैना सु असुवन की धरा बेहती जावे रे,
कब से तेरी बात निहारु क्यों नहीं आवे रे,
हुई महोबत तुम से कन्हैया मैं किसको समजाउ,
तेरा मेरा साथ न छूटे मैं बतलाना चाहु,
सांवरिया थाने तरस न आवे माहने गले लगा जा रे,
कब से तेरी बात निहारु क्यों नहीं आवे रे,
कुछ तो बोलो महारा संवारा इक बार श्यामि आके,
घना थाने बुलवाऊ कोनी यो वादा तेरे सागे,
दास मेरो है तू भी बंधू इतनो कह जा रे,
कब से तेरी बात निहारु क्यों नहीं आवे रे,
Yaad Satave Shyam Dhani Thari Yaad Satave Re,
Since when have you not listened to your words?
Why don’t Naya Dole open her eyes in the middle of the war?
Not like Thara, the servant Thara said,
Naina su Asuvan’s land gets better,
Since when have you not listened to your words?
Hui love to you Kanhaiya, whom should I understand,
I want to tell you that you do not leave my side.
Don’t feel sorry for the Saawariya police station.
Since when have you not listened to your words?
Say something, Mahara Sanwara came once Shyami,
Ghana Thane Bulwau koi yo vada tere saage,
My slave is you, brother, say so,
Since when have you not listened to your words?