त्रेता में पधारे श्री राम जी, और द्वापर में आएं घनश्याम जी ।
इस कलियुग में भगतों के खातिर झुंझुनूं में विराजे गंगाराम जी ।
कल्याणी के पावन तट पर कर्मयोग का सार दिया,
महलों में जन्मे लेकिन योगी का पथ स्वीकार किया ।
भक्त-वत्सल कहूं या दीनबंधु, जाने कितने हैं इनके नाम जी,
इस कलियुग में भगतों के खातिर झुंझुनूं में विराजे गंगाराम जी ।
पंचतत्व की काया जिस दिन पंचतत्व में खो जाए,
उससे पहले पंचदेव दरबार के दर्शन हो जाए ।
मिल जाए जो रज मंदिर की, मिल जाएगा बैकुंठ धाम जी,
इस कलियुग में भगतों के खातिर झुंझुनूं में विराजे गंगाराम जी ।
कोई कहता तुझे नारायण, कोई कहता है विष्णु-अवतारी,
तू ही राम है, गंगाराम तू, तू ही मोहन है कलिमलहारी ।
प्रभु तेरे दर पर होती पल में सुनवाई,
गंगा पावन, राम सुहावन, नाम की है बड़ी सकलाई ।
हरी नाम की महिमा है ऐसी, पल में बनते हैं बिगड़े काम जी,
इस कलियुग में भगतों के खातिर झुंझुनूं में विराजे गंगाराम जी ।
Shri Ram ji arrived in Treta, and Ghanshyam ji came in Dwapar.
In this Kali-yuga, Gangaram ji will sit in Jhunjhunu for the sake of the devotees.
Giving the essence of Karmayoga on the holy bank of Kalyani,
Born in palaces but accepted the path of Yogi.
Whether to say devotee-Vatsal or Deenbandhu, know how many are their names,
In this Kali-yuga, Gangaram ji will sit in Jhunjhunu for the sake of the devotees.
The day when the body of the five elements is lost in the five elements,
Before that one should have darshan of Panchdev Darbar.
If you get that of Raj temple, you will get Baikunth Dham ji,
In this Kali-yuga, Gangaram ji will sit in Jhunjhunu for the sake of the devotees.
Some call you Narayan, some call you Vishnu-avatari,
You are Ram, you are Gangaram, you are Mohan, Kalimalhari.
Lord listens to you in the moment,
Ganga is holy, Ram is pleasant, the name has a lot of sorrow.
Such is the glory of the name Hari, in a moment, spoiled work is made,
In this Kali-yuga, Gangaram ji will sit in Jhunjhunu for the sake of the devotees.