मेरे कान्हा तू रुक जा ना बातो बातो में ना सत्ता न,
देखता है काहे मोहे चोर की नजरियाँ,
ऐसे न मारो पिचकारियां भीजे गी मोरी काली चुनरियाँ,
अब न आउंगी बातो में तेरे करती हो तंग काहे मुझको अकेले,
मुस्कुराके पास आके बेशक लगा लो गोर गाल पे अभिरिया,
ऐसे न मारो पिचकारियां भीजे गी मोरी काली चुनरियाँ,
कह देती हु तुझे समजा के मिल ने आई हु सब से बचा के ,
ना ही छेड़ो कान्हा मेरो समजो न श्याम अब हमरी ललचारियाँ,
ऐसे न मारो पिचकारियां भीजे गी मोरी काली चुनरियाँ,
My Kanha, you stop, neither talk nor power,
Sees where the eyes of the thief are,
Don’t kill like this;
Now I will not come to talk about you, why do you bother me alone,
Come with a smile, of course, put a smile on your cheek,
Don’t kill like this;
I tell you that the mill of understanding has come to save you from everyone,
Neither tease Kanha, understand me nor Shyam, now our greedy people,
Don’t kill like this;