तोड़ तोड़ मनियां माला फेंक रहे हनुमान,
कर दियां बिभीषण का पल भर में चूर चूर अभिमान,
तोड़ तोड़ मनियां माला फेंक रहे हनुमान,
दिब्ये अलोकिक मोती माला श्री राम को भेट में दी,
श्री राम ने मोती माला हाथ में सीता के रख दी,
कहा बिभीषण ने सीता से रखना इसका ध्यान,
तोड़ तोड़ मनियां माला फेंक रहे हनुमान,
भरी सबा में सीता माँ ने हनुमत को माला दे दी,
हनुमत कुछ ढूंडा उसमे फिर टुकड़े करदी,
बड़े क्रोध से बोले बिभीषण हुआ मेरा अपमान,
तोड़ तोड़ मनियां माला फेंक रहे हनुमान,
राम ने पूछा हनुमान से काहे को माला तोड़ी,
हनुमत बोले सिया राम की इस में नही दिखती जोड़ी,
जिस मोती में मेरे राम नही वो मोती है पाषाण,
तोड़ तोड़ मनियां माला फेंक रहे हनुमान,
अगर सीने में राम है तेरे मुझको दिखाओ तुम बाला,
इतना सुन कर हनुमान ने सीना फाड़ दिखा डाला,
कहे श्याम के दर्शन करलो सीने में है सिया राम
तोड़ तोड़ मनियां माला फेंक रहे हनुमान,
Hanuman throwing garlands to break the beads,
The pride of Bibhishan was shattered in a moment,
Hanuman throwing garlands to break the beads,
Dibye alokik pearl garland was presented to Shri Ram,
Shri Ram put the pearl garland in Sita’s hand,
Said Bibhishan took care of Sita from her,
Hanuman throwing garlands to break the beads,
Sita Maa gave a garland to Hanumat in the filled Saba,
Hanumat found something and broke it into pieces again,
Bibhishan said with great anger, I was insulted,
Hanuman throwing garlands to break the beads,
Ram asked Hanuman why he broke the garland,
Hanumant said Siya Ram’s pair is not seen in this,
The pearl in which I do not have Ram is a stone,
Hanuman throwing garlands to break the beads,
If you have Ram in your chest, show me you Bala,
Hearing this, Hanuman tore his chest.
Say, have darshan of Shyam, Siya Ram is in the chest
Hanuman throwing garlands to break the beads,