हर फिकर को धुएं में उड़ाता चला गया,
बरबादियो का मना न फजूल था,
बरबादियो का जश्न मनाता चला गया,
हर फिकर को धुएं में उड़ाता चला गया,
जो मिल गया उसे मुकदर समज लिया,
जो खो गया मैं उसको बुलाता चला गया ,
हर फिकर को धुएं में उड़ाता चला गया,
गम और ख़ुशी में फर्क न महसूस हो रहा,
मैं खुद को मुकाप पे पाता चला गया,
He went on blowing every worry in the smoke,
The refusal of the barbarians was not in vain,
went on celebrating the ruins,
He went on blowing every worry in the smoke,
Got what he got, considered him lucky,
I went on calling the one who was lost,
He went on blowing every worry in the smoke,
Not feeling the difference between sorrow and happiness,
I went on finding myself at the top,