आ शाम के संग में चलें प्यारे बरसाने में
यूं कहें हम ब्रज की बातें अपनी आवाजों में
कान्हा मिलना और बिछड़ना इस जीवन की रीत रही
जितने रूप बदले मन में लेकिन प्रीत रही
राधा रानी बताएंगे, राधा रानी बताएंगे अपने अंदाज में
आज शाम के संग चले प्यारे बरसाने में
हमने सुना है बरसाने में आज भी वो रीत रही
होली की बात कहें तो आज भी वहां जीत रही
फूलों का श्रृंगार किए, फूलों का श्रृंगार किए
आज भी वो बरसाने में
आज शाम के संग चले प्यारे बरसाने में
मैं कैसे कहूं कन्हाई तेरी इन प्यारी बातों को
सबने यही सुना है राधेकृष्ण की बातों को
नित रोज यही गाऐ, नित रोज यही गाऐ
राधेकृष्ण के विचारों को
आज शाम के संग में चले प्यारे बरसाने में
Come, let’s go with the evening in the beloved rain
Like this we say the words of Braj in our own voices
Kanha meeting and separation was the way of this life
How many forms changed in my mind but love remained
Radha Rani will tell, Radha Rani will tell in her own style
Tonight’s evening walk in the lovely rain
We have heard that even today in the rain she remained
Talking about Holi, even today it is winning there.
make up flowers, make up flowers
Even today it is raining
Tonight’s evening walk in the lovely rain
How can I say Kanhai to these lovely things of yours
Everyone has heard the words of Radhekrishna
Sing this everyday, sing this everyday
Thoughts of Radhekrishna
Tonight’s evening, in my beloved rain
Singer Bhajan Samrat Bhagwatacharya
Pandit Radhekrishna Ji Maharaj Shyamgarh
Writer, Pandit Radhekrishna Ji Maharaj
M.9009770820,9039392870