रही बक्श्दा तू किते होए कसूर दातिया,
सहनु चरना तो करी न तू दूर दातिया,
असि कपडे नु चढ़े कच्चे रंग वरगे,
असि कच दी बनाई होइ वांग वरगे,
इको झटके च हो जा गे चूर दातिया,
सहनु चरना तो करी न तू दूर दातिया,
इस तन विच जिहने कोने सास वसदे,
हर सास विच लखा ही गुनाह वसदे,
मनो दूर कर मान ते गरूर दातिया,
सहनु चरना तो करी न तू दूर दातिया,
असि पानी उते खींची हो लकीर वरगे,
किसी झाडी विच फसी होइ लीर वर्गी,
हाक सारे यह मंगल हठूर दतिया,
सहनु चरना तो करी न तू दूर दातिया,
Rahi Bakshda Tu Kite Hoye Kasoor Datiya,
Sahanu Charna To Kari Na Tu Door Datiya,
We are like raw colors on clothes,
We are like made of glass,
Ico jhatke ch ho ja ge chur datiya,
Sahanu Charna To Kari Na Tu Door Datiya,
Is tan vich jihne kone saas vasde,
Har saas vich lakha hi gunah vasde,
Mano door kar maan te garur Datiya,
Sahanu Charna To Kari Na Tu Door Datiya,
We are like a line drawn on water,
Like a leer trapped in a bush,
Haak Saare Yah Mangal Hathoor Datiya,
Sahanu Charna To Kari Na Tu Door Datiya,