अष्टमी की रात कान्हा प्रगट भये जी प्रगट भये,
हो गई शुभ परभात कान्हा प्रगट भये जी प्रगट भये,
कंश का अतयाचार बड़ा तो मच गया हां हां कार,
दुष्ट संगारन भगत उभारं लियो प्रभु अवतार,
जन्मे तारण हार कान्हा प्रगट भये जी प्रगट भये,
मात यशोदा की गोदी में मंद मंद मुस्कावे है,
नंद बाबा भी आज वधाई दोनों हाथ लुटावे है,
खुशिया छाई आपार कान्हा प्रगट भये जी प्रगट भये,
बाल रूप में चंचल कान्हा अखिया तो मटकावे है,
देख लला की भोली सूरत सब कोई भगये स्राव है,
हो रहे मंगल गान कान्हा प्रगट भये जी प्रगट भये,
बाल कृष्ण का दर्शन करने देवी देवता आये है,
कोई न जाने इनकी महिमा भेद पार न पाए है,
हुई पुष्पों की बरसात कान्हा प्रगट भये जी प्रगट भये,
On the night of Ashtami, Kanha appeared Bhaye Ji, appeared Bhaye,
Good morning, Kanha appeared, Bhaye Ji appeared.
Kansh’s atrocities became big so yes yes car,
Rise up evil Sangaran Bhagat Leo Lord Avatar,
Born Taran Haar Kanha manifested Bhaye Ji manifested Bhaye,
There is a soft smile in the lap of mother Yashoda,
Nand Baba is also getting married today, both hands have been looted.
Happiness prevailed, Kanha appeared, Bhaye ji appeared,
Kanha Akhiya, playful in child form, is matkawe,
See, Lala’s innocent appearance is all a runaway secretion,
Kanha Pragat Bhaye Ji Pragat Bhaye is happening,
The deities have come to see the child Krishna.
No one knows that their glory has not been able to overcome the difference,
The rain of flowers, Kanha appeared, Bhaye ji appeared,