राम को प्यारी मैं हु श्याम को प्यारी,
रूप हु माँ का मैं हु दोलत तुम्हारी,
सीने पे फिर क्यों मेरे चलती है कटारी,
भूल गये क्या मैंने तुम को दूध दही और माखन दिया है
तुम्हारे नजर के समाने देखो छनी छनी मेरा तन किया है,
तुम पर ये अगर विपता आती सच मानो मैं दोडी आती,
तोड़ के रसमें सारी,
राम को प्यारी मैं हु श्याम को प्यारी,
पहले उबलता पानी डाले फिर चमड़ी को शीड उतारे,
मौत से पहले की वो कहानी
कैसे कहू मैं अपनी जुबानी
सोचु यम की है परछाई देता है देखाई जब वो कसाई जपु राम वनवारी,
राम को प्यारी मैं हु श्याम को प्यारी,
मैं हु गुणों का इक खजाना पर निर्मोही जग न जाना,
प्रीत पराई जान गई मैं सब को अब पहचान गई मैं
सुन संजीव रे मेरी सदाए पत्थर भी अब नीर बहाए
समजो मेरी लाचारी,
राम को प्यारी मैं हु श्याम को प्यारी,
I am dear to Ram, I am dear to Shyam,
I am the form of mother, I am your beauty,
Why is the katari moving on my chest again,
Forgot, have I given you milk, curd and butter?
Look in front of your eyes, my body has been sieved.
If this calamity had come upon you, as if I would have come true,
All in the juice of breaking,
I am dear to Ram, I am dear to Shyam,
First pour boiling water, then peel off the skin.
the story before death
how can i say my words
The shadow of Sochu Yama is seen when that butcher Japu Ram Vanwari,
I am dear to Ram, I am dear to Shyam,
I am a treasure trove of virtues but do not go to the soulless world,
I have known Preet Parai, I have recognized everyone now.
Listen Sanjeev Ray, my everlasting stones are also shed now
understand my helplessness,
I am dear to Ram, I am dear to Shyam,