श्री वलभ गुरु के चरणों में मैं नित उठ शीश निभाता हु
मेरे मन की कलि खिल जाती है जब दर्श तुम्हारा पाता हु
मुझे वलभ नाम ही प्यारा है इस ही का मुझे सहारा है
इस नाम में एसी वरकत है जो चाहता हु सो पाता हु
श्री वलभ गुरु के चरणों में मैं नित उठ शीश निभाता हु
जब याद तेरे गुण आते है दुःख दर्द सभी मिट जाते है
मैं बन कर मस्त दीवाना फिर बस गीत तेरे ही गाता हु
श्री वलभ गुरु के चरणों में मैं नित उठ शीश निभाता हु
गुरु राज तपस्वी माहा मुनि सिर ताज हो तुम महाराजो के
मैं इक छोटा सा सेवक हु कुछ कहता हुआ शर्माता हु
श्री वलभ गुरु के चरणों में मैं नित उठ शीश निभाता हु
गुरु चरणों में है अर्ज मेरी
बदती दिन रात रहे भगती
मेरा मानस जन्म सफल हुए यही भगती का फल चाहता हु
श्री वलभ गुरु के चरणों में मैं नित उठ शीश निभाता हु
At the feet of Shri Valabh Guru, I always rise and play the head.
The bud of my mind blossoms when I find your vision
I love the name Vallabh, this is what I support
There is such a blessing in this name that I can sleep if I want.
At the feet of Shri Valabh Guru, I always rise and play the head.
When you remember your virtues, sorrow and pain all disappear.
I sing the song Tere hi bankar mast deewana then bas
At the feet of Shri Valabh Guru, I always rise and play the head.
Guru Raj Tapasvi Maha Muni Head is the crown of you Maharajas
I am a small servant I am shy to say something
At the feet of Shri Valabh Guru, I always rise and play the head.
The application is in my feet
Badati day night bhagati
My mind was successful in birth, I want the fruit of this bhagati.
At the feet of Shri Valabh Guru, I always rise and play the head.