हरी हरी हरने वाली हरे मुरारी जी
हरी हरी हरी करने वाले मेरे गिरधारी जी
मैं तो बैठी इनके चरणों में हो कर अंतर ध्यान,
मेरे घट घट में विराजे श्यामा इन में चारो धाम
गोविन्द घनश्याम बस मेरे गोविन्द घनश्याम
मीरा ने विष प्याला पी कर इन पर दुनिया वारी,
राधा कृष्ण में प्रेम पे पड़ कर अपना तन मन हारी मैं भी हुई इनकी दीवानी मन में वसाए श्याम
गोविन्द घनश्याम बस मेरे गोविन्द घनश्याम
जीवन ये चरणों में इनके मुझपर इनकी छाया ध्यान धरा जब से मोहन का मैंने सब कुछ पाया
निश दिन इनके नाम की माला जपती सुबहो शाम
गोविन्द घनश्याम बस मेरे गोविन्द घनश्याम
हर युग में अवतार लिए श्री कृष्ण ही आये त्रेता से कलयुग तक मेरे श्याम ही श्याम समाये
मुझको ही ये तारे गे जीवन इनके नाम
गोविन्द घनश्याम बस मेरे गोविन्द घनश्याम
Hari Hare Hare Wali Hare Murari ji
My girdhari ji who makes green green
I sat at his feet and meditated on the difference,
Shyama sits in my Ghat Ghat in all four dhams
Govind Ghanshyam Just my Govind Ghanshyam
Meera drank the poisoned cup and inflicted the world on them,
I lost my body and mind after falling in love with Radha Krishna.
Govind Ghanshyam Just my Govind Ghanshyam
In these phases of life, his shadow meditated on me, ever since I found everything of Mohan.
On this day, the garland of his name is chanted in the morning and evening.
Govind Ghanshyam Just my Govind Ghanshyam
In every age, only Shri Krishna came in incarnation;
I only have these stars, my life, their names
Govind Ghanshyam Just my Govind Ghanshyam