याद तेरी जब आती है
दिल को बहुत तड़पाती है
बेचैनी बढ़ जाती है
हम तड़पे इधर तुम तड़पो उधर
ये कैसी उलझन सारी
हमपे गर तेरी जो रेहमत होगी
तुमसे मिलने की प्रभु पूरी ये हसरत होगी
जाने वो कौन सी ग्यारस होगी
तुमसे मिलने की प्रभु पूरी ये हसरत होगी
आँखों में अश्क़ लब पे नाम तेरा
दिल में बस तेरी दरश की प्रभु चाहत होगी
हर ग्यारस हम आते थे
दर्शन तेरा पाते थे
भजनो में रम जाते थे
अब तुमसे मिले बिन गुज़रे ये दिन
हम कैसे ये सेह पाएं
ज़िन्दगी तब खुशकिस्मत होगी
तुमसे मिलने की प्रभु पूरी ये हसरत होगी
जाने वो कौन सी ग्यारस होगी ………..
कृपा कर रस बरसेगा
खुशियों का सूरज निकलेगा
खाटू फिर से चहकेगा
होगा ऐसा मिलन बरसेंगे नयन
देखेगी दुनिया सारी
अब जो गर तेरी इजाज़त होगी
तुमसे मिलने की प्रभु पूरी ये हसरत होगी
जाने वो कौन सी ग्यारस होगी ……….
when you remember
heart hurts so much
anxiety increases
We tormented here you torment there
what all this confusion
Humpe gar teri jo rehmat hogi
Lord it will be full of desire to meet you
know which gyras will that be
Lord it will be full of desire to meet you
Aankh mein ashq lab pe naam tera
Your heart will only desire the Lord
every year we used to come
Darshan used to get you
swayed in hymns
Now these days have passed without meeting you
how do we get this
life will be lucky then
Lord it will be full of desire to meet you
Know which gyras it will be………..
please it will rain
the sun of happiness will rise
Khatu will taste again
Nayan will rain such a meeting
the whole world will see
Now whatever you will allow
Lord it will be full of desire to meet you
Know which gyras will that be………