श्याम तुझको पुकारे तेरी राधा रे श्याम
अम्बर तले यमुना के किनारे कब से राधा राह निहारे थे जल्दी पधारो घनश्याम
श्याम तुझको पुकारे तेरी राधा रे श्याम
पनिया भरन का करके बहाना आई है तुझसे मिलने ओ कान्हा
काहे को इतनी तू देर लगा दी के होने लगी है शाम
श्याम तुझको पुकारे तेरी राधा रे श्याम
जन्मो जन्म का है तुझसे नाता अब इसको कोई न भाता
काहे सताए इक को निर्मोही के आईया पड़े घनश्याम
श्याम तुझको पुकारे तेरी राधा रे श्याम
रास रचियाँ बंसी बजैया यमुना के तट पर आ जा कन्हियाँ सुबह से शाम अब होने लगी है
हो ना जाए अब बदनाम
श्याम तुझको पुकारे तेरी राधा रे श्याम
Shyam tujhko call teri radha re shyam
Since when Radha was looking on the banks of Yamuna under Amber, come early Ghanshyam
Shyam tujhko call teri radha re shyam
The excuse has come to meet you, O Kanha.
Why did you take so long that the evening has started?
Shyam tujhko call teri radha re shyam
Birth is of birth, now no one likes this relationship with you
Why did Ghanshyam fall for Nirmohi?
Shyam tujhko call teri radha re shyam
Ras Rachiyan Bansi Bajaiya come on the banks of Yamuna, Kanhiyan has started happening from morning till evening.
Don’t be infamous now
Shyam tujhko call teri radha re shyam