इक बात कहता हु तुम से सुन बरसाने वाली
काम दही का देदे मुझको बोले कृष्ण मुरारी
अरे सुन ले राधे प्यारी
सुन ले ब्रिज्भानु दुलारी
हाथ जोड़ के विनती है तुम से मानो बात हमारी
ये रस्ता मेरे मत रोको ये कहती राधा प्यारी ,
जाने दो हमे वनवारी
अब न चलेगी तुम्हारी
काम लिए बिन जाने न दू ये है अटल इरादा,
मुरली की फिर तान सुनाऊ करता हु ये वादा
फिर मत न देना तू गाली
सुन ले राधे प्यारी
कब से ठेकेदार बने तुम करते जोर जोरी
छोड़ दे कान्हा मुड जायेगी नर्म कल्हियां मेरी
निकलगी अकड ये सारी,
अब न चलेगी तुम्हारी
चुप के से माखन दे देना चले तेरी चतुराई
तेरी बाप की जगह नही जो दही बेचन आई
अरे फोडू मटकियाँ तुम्हारी
सुन ले राधे प्यारी
मेरे बाप का नाम न लेना ओ दो भापन वाले
ये क्या तुम ने कर दिया कान्हा कंकड़ीया क्यों मारे
तुम जीते मैं हारी
अब न चले गी तुम्हारी
I say one thing, it’s raining to hear from you
Kaam Dahi Ka Dede told me Krishna Murari
Hey listen radhe cutie
Listen to Brijbhanu Dulari
With folded hands, I request you to speak like ours.
Don’t stop me this way, Radha says dear,
let us go to forestry
you will no longer
Do not let me go without taking work, this is my unwavering intention,
I will recite the murli again, this promise
don’t abuse you again
listen radhe cutie
Since when did you become a contractor?
Leave Kanha will turn my soft buds
All this will come out,
you will no longer
Give me butter in silence, let your cleverness go
Not in place of your father who came to sell curd
hey fodu mats yours
listen radhe cutie
Don’t take my father’s name, O two steamers
Why did you kill Kanha Kankariya?
you win i lost
you will not go now