तुम तो कान्हा छलिया हो दरश कब दिखाओगे
आज यहां कल वहां जाने कब आओगे
हम तो कान्हा मन्दिर में रोज रोज आते हैं
मेरे मन मन्दिर में तुम कब आओगे
तुम तो……..
हम तो कान्हा मन्दिर में फूल रोज चढ़ाते हैं
मेरे मन मन्दिर में फूल कब खिलाओगे
तुम तो……..
हम तो कान्हा मन्दिर में ज्योत भी जलाते हैं
मेरे मन में ज्योत कब जलाओगे
तुम तो…….
हम तो कान्हा मन्दिर में सत्संग करते हैं
मेरे मन मन्दिर में रास कब रचाओगे
तुम तो……..
हम तो कान्हा मन्दिर में नाच भी लेते है
मेरे मन मन्दिर में डांस कब दिखाओगे
तुम तो………
You are Kanha deceitful, when will you show me
when will you come here today to go there tomorrow
We come to Kanha temple everyday
when will you come to my mind temple
You……..
We offer flowers everyday in Kanha temple
When will you feed flowers in my mind temple?
You……..
We also light a candle in the Kanha temple.
when will you light the flame in my heart
You…….
We do satsang in Kanha temple
When will you create raas in my mind temple?
You……..
We also dance in Kanha temple.
When will you show dance in my mind temple?
You………